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Ek Vichaar Jo Badal De Aapki Zindagi

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Highlights

  • ISBN13:9789386148797
  • ISBN10:938614879X
  • Publisher:Invincible Publishers
  • Language:Hindi
  • Author: Anant Bagel Advitiya
  • Binding:Paperback
  • Pages:160
  • SUPC: SDL309774597

Other Specifications

Other Details
Country of Origin or Manufacture or Assembly India
Common or Generic Name of the commodity General Fiction
Manufacturer's Name & Address
Packer's Name & Address
Marketer's Name & Address
Importer's Name & Address

Description

स्वयं से पूछो कि आपने मस्तिष्क की क्या सीमा बना रखी है? यदि मस्तिष्क की सीमित सीमा बना रखी है तो अब सीमा के बंधन तोड़ दो। आप महान बनना चाहते हैं तो बनो, जीवन में सुख, खुशी और आनन्द चाहते हैं तो पाओ, अरबों कमाना चाहते हैं तो कमाओ, कोई भी महान लक्ष्य है तो हासिल करो। चाहो तो साधारण जीवन जीयो, चाहो तो असाधारण।\nजो मांगोगे वो मिलेगा, जो खोजोगे वो भी मिलेगा। खुशी, समृद्धि कुछ भी चाहोगे मिलेगा। बस सीमा के बंधनों को तोड़ दो। ये सोचना बंद कर दो कि मैं जितना चाहूं, मुझे नहीं मिल सकता है। अपने मस्तिष्क को विशाल बना लो। इस पुस्तक में बताये गए महान रहस्यों को स्वयं में समा लो। ये रहस्य आपके बहुत काम आयेंगे। यदि आपने इस पुस्तक को खरीदने के लिए थोडा धन खर्च किया है तो उस धन का लाखों गुणा पा सकते हो और धन से जो कुछ नहीं खरीदा जा सकता है, वह सब कुछ पाओगे। विश्वास करो, विश्वास कर लिया तो आपका जीवन बदल गया। आप में और आपके महान व श्रेष्ठ जीवन में विश्वास की दूरी है। प्रिय पाठको इस पुस्तक के माध्यम से यह दूरी तय करो।\nकुछ 18 घंटे मेहनत करने के बाद भी पेट नहीं भर पाते हैं। कुछ थोडी मेहनत करके अरबों कमा रहे हैं। अरबों कमा रहे हैं क्योंकि उन्होंने अपने मस्तिष्क को सीमाओं के बंधन में नहीं रखा। महान लक्ष्य बनाओ और उसे हासिल करो।\nमैं गिरता हूँ फिर उठता हूँ, \nमैं फिर गिरता हूँ, मैं फिर उठता हूँ, \nमैं फिर गिरता हूँ, मैं फिर उठता हूँ ....... \nमैं हजारों बार गिरने के बाद \nफिर से उठ जाता हूँ \nऔर हर बार इस विश्वास के साथ उठता हूँ \nकि अंतिम विजय मेरी ही होगी - अनंत बघेल

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