Cart
Sign In

Sorry! Book Detail Shabd mere kavita tere naam ki is sold out.

Compare Products
Clear All
Let's Compare!

Book Detail Shabd mere kavita tere naam ki

This product has been sold out

We will let you know when in stock
notify me

Featured

Highlights

  • ISBN13:9789386352507
  • ISBN10:9386352507
  • Publisher:OnlineGatha
  • Language:Hindi
  • Author:Versha Verma
  • Binding:Paperback
  • Pages:112
  • SUPC: SDL797491238

Description

‘‘शब्द मेरे, कविता तेरे नाम की’’ पहली कोशिश मेरे हुनर की नुमाइश की..... मज़े से माता-पिता के साये में जिं़दगी गुज़ारते न जाने कब जिं़दगी की हकीकत से सामना हुआ और कागज़-कलम के महत्व को समझने लगी- शब्दों के मायाजाल के हेर-फेर से न जाने कब मेरी लिखी हुई पंक्तियाँ कविता का रूप लेने लगी। बचपन से ही अपनी माता ‘‘श्रीमती माया वर्मा’’ के सेवाभाव, त्याग और समर्पण से प्रभावित रही हूँ। आज ‘‘एक कोशिश ऐसी भी’’ एन.जी.ओ. आपकी ही प्रेरणा से सराबोर है। जिसके जरिए मै समाज को समय देकर वो सुकून महसूस करती हूँ, जो लाखों खर्च करने पर भी नहीं मिल सकता। कोरे कागज पे अपने उदगारों को बयाँ करने के लिए, अपने मनपसंद शब्दों को चुनकर आपस में तुकबन्दी बैठाकर उसे कविता का रूप देने का हुनर, अपने पिता ‘‘श्री महेश शंख ‘नादी’’’ जी से पाया है। ‘‘अश्कों की दर्द भरी कहानी को कविता में बयाँ कर पाऊँ, आपके दर्द भरे लम्हें को शब्दों द्वारा एक बार छू पाऊँ’’ इस उम्मीद और विश्वास के साथ इन पंक्तियों को आपको समर्पित करती हूँ- ‘‘आज फिर हुस्न के हाथों हुनर, का कत्ल होते देखा है, मैने।’’ वर्षा वर्मा

Terms & Conditions

The images represent actual product though color of the image and product may slightly differ.

Quick links