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Darshaniya Bharat : Atulya Bharat

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Highlights

  • ISBN13:9788189982942
  • ISBN10:818998294X
  • Language:Hindi
  • Author:Hiralal Bachotiya
  • Publisher:Kitabghar Prakashan
  • Pages:156
  • Binding:Hardback
  • SUPC: SDL808879277

Description

भारत दर्शनीय भी है, अतुलय भी। उत्तर में हिमालय की सुंदरता इसके सीमांत स्थानों में अक्षुण्ण रूप में विद्यमान है। हिमाचल में स्थित ‘नम्झा’ तिब्बत-सीमा से लगा भारत का अंतिम गांव है तथा हिमाचल के दक्षिण-पूर्व का अंतिम गांव छितकुल में हिम-श्रृंगों और बस्पा का सौंदर्य भी अतुलनीय है। अलकनंदा घाटी की अपार सुंदरता सुविधाओं के बावजूद खतरों से भरी हुई तो है ही। सिक्किम, अरुणाचल, नगालैंड उत्तर-पूर्व के सीमांतों पर फैले सौंदर्य को आत्मसात् करने का अवसर देते हैं और अनुभव कराते हैं-सौंदर्यानुभूति के साथ-साथ भारत की विशालता और विविधता की गौरवपूर्ण अनुभूति का और हममें होता है राष्ट्रभावना का उद्रेक भी। भारत की दर्शनीयता में भारत का पूरा भू-भाग समाहित है। वह चाहे सतपुड़ा के घने जंगल हों, कोंकण का समुद्रीतट, केरल की अनुपम नारिकेल सुषमा या बांग्ला का शांतिनिकेतन क्षेत्र। उधर महाबलीपुरम की समृद्ध सांस्कृतिक पुरा संपदा से लेकर मणिपुर की वैष्णवधर्मिता-सारा कुछ भारत की अतुल्यता का ही बखान है। विदा लेते सूर्य की अनुपम शोभा का साक्षी पचमढ़ी का धूपगढ़ हो या मैदानों की झुलसाती गर्मी के बीच बादलों में खो जाने का अहसास जगाता ऊटी का डोडा-बेट्टा-सभी निसर्ग शोभा के अनछुए पृष्ठ हैं। यात्रा इन पृष्ठों के अनुभवों से गुजरने और यात्रा-सुख में खो जाने का निमंत्रण देती है। ये पृष्ठ पहले से, न जाने कब से फैले हुए हैं। कोई यायावर उन्हें जिस रूप में देखता और संजोता है, वही है-दर्शनीय भारत: अतुल्य भारत।

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