Cart
Sign In

Sorry! GOMUKH DAKHSINAWAT SHANKH BY PANDIT NM SHRIMALI is sold out.

Compare Products
Clear All
Let's Compare!

GOMUKH DAKHSINAWAT SHANKH BY PANDIT NM SHRIMALI

This product has been sold out

We will let you know when in stock
notify me

Featured

Highlights

  • Colour:White
  • Height (in cms.):9
  • Width (in cms.):4
  • Length (in cms.):10
  • Material:Stone
  • In the Box:1
  • SUPC: SDL632745439

Description

Gomukh Dakhsinawat Shankh (गोमुख दख्सिनावत शंख) की आकृति गाय के मुख के समान बहुत ही सुंदर होती है. इसे शिव पावर्ती का भी स्वरूप माना जाता है, धन की प्राप्ति तथा अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए इसकी स्थापना उत्तर की ओर मुँह करके की जाती है. यह भी माना जाता है कि इसमें रखा पानी पीने से गाय की हत्या के पाप से मुक्ति मिलती है और इसको कामधेनु शंख भी कहा जाता है. हमारे हिन्दू धर्म में शंख को पवित्र और शुभ फलदायी माना गया है, इसलिए पूजा पाठ में शंख बजाने का भी नियम है. घर में शंख रखने और नियमित रूप से,बजाने के ऐसे कई फायदें हैं. जो हमारी सेहत, घर की सुख शांति और पाप को दूर करने से जुड़े हैं. पुराणों के अनुसार चन्द्रमा और सूर्य के समान ही शंख देवस्वरूप है. इसके बीच वाले भाग में वरुण, पिछले भाग में ब्रह्मा और आगे के भाग में गंगा और सरस्वती का निवास होता है. शंख से शिवलिंग, कृष्ण या लक्ष्मी जी पर जल या फिर पंचामृत से अभिषेक करने पर देवता प्रसन्न हो जाते है. Gomukh Dakhsinawat Shankh (गोमुख दख्सिनावत शंख) की उत्पत्ति सतयुग में समुद्र मंथन के समय हुआ। जब 14 प्रकार के अनमोल रत्नों का प्रादुर्भाव हुआ तब लक्ष्मी के पश्चात् शंखकल्प का जन्म हुआ। उसी क्रम में गोमुखी कामधेनु शंख का जन्म माना गया है। पौराणिक ग्रंथों एवं शंखकल्प संहिता के अनुसार कामधेनु शंख संसार में मनोकामनापूर्ति के लिए ही प्रकट हुआ है। Gomukh Dakhsinawat Shankh (गोमुख दख्सिनावत शंख) श्रीलंका और आस्ट्रेलिया के समुद्रों में अधिक होती है। यह शंख कामधेनु गाय के मुख जैसी रूपाकृति का होने से इसे गोमुखी शंख के नाम से जाना जाता है। पौराणिक शास्त्रों में इसका नाम कामधेनु गोमुखी शंख है। इस शंख को कल्पना पूरी करने वाला कहा गया है। कलियुग में मानव की मनोकामनापूर्ति का एक मात्र साधन है। यह शंख वैसे बहुत दुर्लभ है। इसका आकार कामधेनु के मुख जैसा है। साधक यह साधना कर अपार लक्ष्मी प्राप्ति कर सकता है। – शंकराचार्य अपने समय के अद्वितीय विद्वान हैं। उनके गुरु ने कहा शंकर जब तक तुम लक्ष्मी की आराधना और साधना सिद्धि कामधेनु शंख के द्वारा नहीं कर लेते तब तक जीवन में पूर्णता संभव ही नहीं है। यह लक्ष्मी के साथ-साथ मानव की हर महत्वाकांक्षा पूर्ण करता है। यह शंख सभी शंखों में महान् कहा गया है क्योंकि यह सभी भौतिक एवं पारलौकिक सिद्धियों को प्रदान करने वाला है। इसलिए प्राचीनकाल में देवी-देवता व ऋषि-महर्षि आयुध के रूप में इसे साथ रखते थे। इसकी महिमा अनुभव से ही सिद्ध हो सकती है। इसका रोजाना दर्शन करने मात्र से ही मोक्ष प्राप्त होता है।

Terms & Conditions

The images represent actual product though color of the image and product may slightly differ.

Quick links