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Tum Apna Khayal Rakhna

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Highlights

  • ISBN13:9788194564140
  • ISBN10:8194564140
  • Publisher:Filzo Publishers
  • Language:English
  • Author:Shantanu Bhardwaj
  • Binding:Paperback
  • Pages:90
  • Sub Genre:Poetry Book in Hindi
  • Edition:1
  • SUPC: SDL436085247

Description

तो दोस्तों, इस बुक के पीछे की कहानी कुछ यूँ है कि हम सभी इश्क़ करते हैं, एक न एक दफा, और कोई कोई तो दो बार भी करता है, और मेरे जैसे शायर तो हर रोज़, हर घड़ी, हर पल इश्क़ में डूबे रहते हैं। ज़रूरी नहीं किसी लड़की से ही इश्क़ करो। किसी बच्चे से, बारिश की हल्की हल्की बूँदों से, किसी गरीब को खाना खिलाओ तो उसको मिलने वाली ख़ुशी से, माँ-पापा से। लेकिन यहाँ जिस इश्क़ की बात हुई है वो दो इंसानों या दो जिस्मों का नहीं, दो रूहों का है। जिन्होंने एक दूसरे को चाहा तो बेइंतहा, पर कभी पा नहीं सके। उनका इश्क़ तो मुक़म्मल हुआ पर दास्तान अधूरी रही। इन दो लोगों के दरमियान सिर्फ़ मोहब्बत थी, इश्क़ था। पर कहते हैं ख़ुदा और भगवान से ऊपर कुछ नहीं। शायद उनकी इस दास्तान को अधूरा रखना ही उस ख़ुदा की मर्ज़ी थी। आज वो मेरे साथ नहीं है। किसी और दुनिया में है, जहाँ जीते जी कोई नहीं जा सकता। तो कुछ यादें हैं, कुछ बातें हैं, कुछ किस्से हैं हम दोनों के। दी इश्क़ करने वालों के जज़्बात हैं। कुछ इश्क़ है, कुछहँसना है, कुछ रोना है। बहरहाल मेरा मानना है कि इश्क़ में अगर रंज नही है तो वो इश्क़ नहीं है। उसी पर एक खयाल है, वो आपको सुना देता हूँ कि "तुम्हारे इश्क़ में तुम्हें कोई रंज नहीं मिला, मतलब तुम्हें कोई सच्चा महबूब नहीं मिला।" एक और है कि "तुम्हारे इश्क़ ने तुम्हें कोई रंज नहीं दिया, इसका मतलब तुमने कभी इश्क़ नहीं किया।" ख़ैर वो बस जहाँ भी है, खुश रहे, सुकून में रहे। मैं उससे सिर्फ़ इतना ही कहना चाहूंगा कि "मेरी यादों को भूल कर तुम अपने नए जहान को खुशहाल रखना, मैं तुम्हारे बिन रह लूँगा, पर अपना ख़याल रखना।"

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