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Yo Maa Pratibalo Loke

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Highlights

  • ISBN13:818212042-X
  • ISBN10:818212042X
  • Publisher:onlinegatha
  • Language:Hindi
  • Author:Gyanesh srivastva
  • Binding:Paperback
  • Pages:224
  • SUPC: SDL906455048

Description

यो मा प्रतिबलो लोके (उपन्यास ) -प्रसिद्ध धार्मिक आख्यान ^श्री दुर्गा सप्तसती’ के पंचम अध्याय में भगवती दुर्गा के उद्घोष वाक्य यो मा प्रतिबलो लोके” नामक यह उपन्यास अपने शीर्षक के अनुकूल स्त्री-पुरूष अन्तसम्बन्धों को स्थायित्व प्रदान करने वाली शारीरिक मानसिक संरचनाओं की जैव-भैतिक पड़ताल अत्यन्त प्रामणिकता से प्रस्तुत करता है। यौन विमर्श पर जैविक-संरचना,W मनोवैज्ञानिक, चिकित्सकीय निर्कषों की सामाजिक एवं धार्मिक भावभूमि पर इस सरस औपन्यासिक प्रस्तुति द्वारा समाज में व्याप्त अनेक रूढ़ियों और थोथी मान्यताओं का बड़ी निर्ममता से पोस्टमार्टम कर यर्थाथ नवीन मान्यताओं को स्थापित करने की दृष्टि विकसित करने का प्रयास किया गया है। उपन्यास परिवार के बिखराव में केन्द्रीभूत यौन-असमर्थता-जन्य असन्तुष्टि को रेखांकित कर उसके प्रति समाज को सचेत करने का कार्य तो करता ही है, एड्स जैसी महामारी के कारणों का अन्तरंग विश्लेषण प्रस्तुत कर उसके बचाव हेतु समाज को अभिप्रेरित भी करता है।

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