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मानव जीवन में अध्यात्म "जीवन तुमने दिया है संभालोगे तुम" : कोरोना काल में एक अध्ययन

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  • ISBN13:9789356630178
  • ISBN10:9356630178
  • Age:12
  • Publisher:GenNext Publication
  • Language:Hindi
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Highlights

  • ISBN13:9789356630178
  • ISBN10:9356630178
  • Age:12
  • Publisher:GenNext Publication
  • Language:Hindi
  • Author:डा. अक्षयबर सिंह (Dr. Akshayaber Singh)
  • Binding:Paperback
  • Edition:1
  • Edition Details:1
  • Intended Audience:General
  • Number of Pages:374
  • SUPC: SDL127299379

Other Specifications

Other Details
Country of Origin or Manufacture or Assembly India
Common or Generic Name of the commodity Personal Growth
Manufacturer's Name & Address
Packer's Name & Address
Marketer's Name & Address
Importer's Name & Address

Description

ABOUT THE BOOK:- समाज के प्रत्येक व्यक्ति में आध्यात्मिक तत्व का अंश होता है जो जीवन यात्रा में विकसित होता रहता है। ऐसा, व्यक्ति विशेष की सकारात्मक सोच के कारण होता है। परन्तु ‘अध्यात्म’ शब्द में निहित भाव की स्पष्टता बहुत कम लोगों में होती है। ले€क, मानव जीवन के आध्यात्मिक पक्ष के विषय का शोधक रहा है। कोरोना महामारी काल के समय पूरे देश में, लाकडाउन की घोषणा करते हुए, भारत के प्रधनमंत्रा मोदी जी ने कहा था कि यह स्थिति कफ्रर्यू से भी कठिन होगी। धैर्य व अनुशासन से ही इस बीमारी से लड़ा जा सकता है। आपकी इस घोषणा और, ईश्वरीय प्रेरणा से, ले€क में ऐसे विचार आये कि ‘आध्यात्मिक दृष्टिकोण’ से यह तो सम्पूर्ण मानव समाज के लिए एक आत्मनिरीक्षण का स्वाभाविक अवसर है जो प्रकृति मुहैया करा रही है। चाहे या अनचाहे यह सभी को करना ही करना होगा। इन्हीं विचारों के साथ लाकडाउन के पहले दिन से ही, ‘वाट्सअप’ पर पत्र के माध्यम से बुद्धिजीवियों व वैज्ञानिकों के लिए ‘अध्यात्म’ पर एक चर्चा प्रारम्भ किया। यह सिलसिला लगातार 195 दिनों तक चलता रहा। पाठक बंधुओं से प्रत्येक पत्र पर प्रतिक्रिया मिलती रही और पत्राचार की निरन्तरता बनती गई और प्रतिक्रियाएँ साथ-साथ पत्रों की पूरक भी बनती गईं।
इस तरह अध्यात्म ऐसे, अ-स्पष्ट विषय पर जो सामग्री संकलित हुई, उससे लेक की सोच ‘कि हर व्यक्ति का जीवन आध्यात्मिक होता है की न केवल पुष्टि हुई, बल्कि इस बात को भी बल मिला कि प्रत्येक व्यक्ति अपने आप में एक साधक (या कहें तो एक विज्ञानी) होता है जो उसे प्रकृति की व्यवस्था में उदभव प्रकिया (evolution process) का एक हिस्सा बनाती है। मानव में यदि इस बात की समझ बन जाय तो निःसंदेह, सहज-सहज में जीवन यात्रा का आध्यात्मिक पक्ष कहीं अध्कि सुद्ध बन सकता है। इन्ही विचारों से प्रेरित हो पत्र श्रृं€ला के पत्रों को क्रमवार विभिन्न अनुभागों में संकलित करके यह पुस्तक प्रस्तुत है। पुस्तक में अनुभागों का नाम करण इस प्रकार है-भूमिका, आध्यात्मिक जीवन यात्रा, साधक का प्रयास, अनुभव ज्ञान, सन्तों की बातें, अध्यात्म जीवन जीने की कला, ध्यान से ही अध्यात्म, सोच की धारा बदलें, समझने व अपनाने योग्य, आध्यात्मिक निष्कर्ष तथा उपसंहार। ले क का मानना है कि यह पुस्तक किसी को भी अध्यात्म विषय पर एक चिन्तनीय, र्स्वग्राहय तथा सकारात्मक सोच को बढ़ाने में मददगार साबित होगी। परमात्मा तू ही है तेरी इच्छा पूरी हो।
ABOUT THE AUTHOR:- डॉ. अक्षयबर सिंह का जन्म ग्राम व पोस्ट बभनगवाँ, जिला सुल्तानपुर (उत्तर प्रदेश), 1 जुलाई 1943 को एक आध्यात्मिक परिवेश के कृषक परिवार में हुआ। शिक्षा स्थानीय ग्रामीण स्कूल सरैया मझौवा से प्रारंभ हो सुल्तानपुर, इलाहाबाद, आई.आई.टी€ड़गपुर व विधनचंद, कृषि विश्वविद्यालय कल्याणी (पश्चिम बंगाल) से हुई। डॉ. सिंह का सेवा काल उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि विभाग में वर्ष 1968 से राज पत्रित अधिकारी के पद से प्रारंभ हुआ। आप ने वर्ष 1970 से भारतीय कृषि अनुसंधन परिषद के रिसर्च संस्थानों (Cenral Soil and Water Conservation, Research and Training Institute, Dehradun, ICAR Research Complex for North Eastern Region, Shillong and Indian Agricultural Research Institute, New Delhi) में वैज्ञानिक के पद पर कार्य करते हुए 2003 में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली के ‘जल तकनीकी केंद्र’ प्रोफेसर के पद से सेवानिवृत्त हुए। कार्यकाल के दौरान आपको चार राष्ट्रीय स्तर के एवार्ड एवं नार्थ ईस्ट में किए गए कार्य (प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन) पर लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड मिले। आपका संपर्क 1979 में गृहस्थ सूफी संत महात्मा श्री यशपाल जी (भाई साहब) महाराज से हुआ और तब से इस विषय में अनुभव आधारित, व्यावहारिक आध्यात्मिक ज्ञान का संकलन, विश्लेषण तथा शोध् करते रहे। सूफी संतों का मानना रहा है कि मानव समस्या का मूल कारण जीवन में राम-नाम (ध्यान/चित्त की एकाग्रत) की कमी हो जाना है। डा. सिंह की इस बात में पूर्ण आस्था बनी, जो आपके संकलनों में दि ती है। यह आपके आध्यात्मिक जागृति श्रृं€ला की 9 वीं पुस्तक है। आध्यात्म ज्ञान के व्यावहारिक पक्ष से संबंधित विभिन्न प्रकार के आपके ले€भी प्रकाशित हो चुके हैं। आप महात्मा यशपाल जी द्वारा प्रतिपादित ‘आनंद योग’ के साधक रहे हैं जिसमें गृहस्थ में रहते हुए दुनिया के काम धर्मानुकूल करते हुए दिन के 24 घन्टे ध्यान में रहने की साधना का प्रावधन है। आनन्द योग साधन पद्धति में कबीर दर्शन की छाप दि ती है, जो एक सरल एवं व्यावहारिक रूप में अपनाई गई है व विकसित हो रही है। आध्यात्मिक जागृति सेवा केंद्र, 3340/1, विवेक नगर, सुल्तानपुर, उत्तरप्रदेश 228001, फोनः 9811814235
CONTENTS

रिपे क्ष्य........................................................................................................15
अध्यात्म के प्रेरक सन्त.................................................................................17
भूमिका.........................................................................................................21
दो शब्द........................................................................................................27
दो शब्द........................................................................................................29
दो शब्द........................................................................................................31
शुभासंशा......................................................................................................33
समर्प ण.........................................................................................................37
1. आध्यात्मिक जीवन यात्रा...................................................... 39
1. आध्यात्मिक जीवन यात्रा........................................................................39
2. योगी की सी जीवन यात्रा.......................................................................41
3. स्वाध्याय................................................................................................42
4. महामानव..............................................................................................43
5. स्वच्छता................................................................................................45
6. जब आवे संतोष धन..............................................................................46
7. ध्यान....................................................................................................47
8. धर्म तथा धर्माचार्य.................................................................................49
9. परिस्थिति प्रदत्त विभूतियाँ........................................................................50
10. आत्मकथा.............................................................................................52
11. अंधविश्वास...........................................................................................53
12. जीवन का आध्यात्मिक पक्ष....................................................................55
13. लॉ कडाउन एक अवसर..........................................................................56
14. अंध-विश्वासिता.....................................................................................58
15. गु रु तत्व...............................................................................................59
16. गृ हस्थ जीवन- एक तप.........................................................................61
17. प्रेम का डर...........................................................................................62
18. इं सान....................................................................................................64
19. ध्यान (2)............................................................................................65
20. आध्यात्मिक जीवन.................................................................................67
2. साध्क का प्र यास................................................................ 69
1. आग्र ह...................................................................................................69
2. मन की बीमारियाँ..................................................................................71
3. साधना प्रयास........................................................................................73
4. स्वाभाविक जीवन यात्रा...........................................................................75
5. गो ल्डेन मीन..........................................................................................76
6. आत्मा..................................................................................................78
7. ध्यान (2)............................................................................................79
8. ध्यान ;4द्ध............................................................................................81
9. भ्रमित इं सान..........................................................................................83
10. पू जा.....................................................................................................84
11. पूजा क्यों और कैसे?.............................................................................86
12. चौबीस घण्टे का ध्यान...........................................................................87
13. स्टार्टअप साधना.....................................................................................89
14. अनु भव ज्ञान का संकलन.......................................................................90
15. हमारा जीवन महत्वपू र्ण..........................................................................91
16. चित्त वृ त्तियों का निरोध ..........................................................................93
17. चित्त-वृत्तियाँ..........................................................................................95
18. समाज सेवी...........................................................................................96
19. अध्यात्म विज्ञान.....................................................................................98
............................................235
24. कर्ता-धर्ता परमात्मा.............................................................................237
25. जाब सैटिस्पफैक्शन................................................................................238
26. एक घण्टा परमात्मा को दें...................................................................240
27. श्रद्धा..................................................................................................242
28. आध्यात्म विकास एक शतत् प्रक्रिया......................................................243
29. अध्यात्म-रहस्यमय विज्ञान.....................................................................245
30. तनाव मुक्त जीवन यात्रा.......................................................................247

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