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चेस्ट नंबर 13 हाजिर हो (Chest No.13 Hazir Ho)

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  • ISBN13:9789392661686
  • ISBN10:9789392661686
  • Publisher:StoryMirror Infotech Pvt Ltd
  • Language:English
  • Author:शैलेश कुमार मिश्र “शैल” (Shailesh Kumar Mishra "Shail")
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Highlights

  • ISBN13:9789392661686
  • ISBN10:9789392661686
  • Publisher:StoryMirror Infotech Pvt Ltd
  • Language:English
  • Author:शैलेश कुमार मिश्र “शैल” (Shailesh Kumar Mishra "Shail")
  • Binding:Paperback
  • Pages:162
  • SUPC: SDL996965576

Other Specifications

Other Details
Country of Origin or Manufacture or Assembly India
Common or Generic Name of the commodity Poetry
Manufacturer's Name & Address
Packer's Name & Address
Marketer's Name & Address
Importer's Name & Address

Description

About the Book:

क्यू पढ़ें यह किताब....?

एक सैनिक के हाथ में बंदूक ही नहीं कलम भी हो सकती है, बंदूक के नाल से भी गीत व गजल निकल सकती है, सरहद के आखिरी पत्थर पे भी कविताएँ लिखी जा सकती है, शब्द भी राष्ट्र की रक्षा और अखंडता के लिए गोला-बारुद बन सकता है और एक सैनिक शांतिकाल में भी कई मोर्चों पर लड़ता ही रहता है-बस जिगरा और जज्बा होना चाहिए। यही इस किताब का मूल कथ्य और संदेश है। यकीनन यह किताब आपको विचारों और भावनाओं के तल पर ले जाकर खुद के अंदर झाँकने व कुछ सोचने तथा करने पर जरूर मजबूर कर देगी।

About the Author:

शैलेश कुमार मिश्र "शैल" का जन्म ग्राम-चिकना, जिला-मधुबनी, बिहार के एक मध्यवर्गीय ब्राह्मण परिवार में 31/12/1975 को हुआ था। इन्होंने आपदा प्रबंधन में स्नातकोत्तर किया है। संयुक्त परिवार और गाँव की मिट्टी में लोट पोट हो जिंदगी के कई उतार-चढ़ावों को जीते एवं आत्मसात करते हुए सन 2001 में सीमा सुरक्षा बल (BSF) में सहायक कमांडेंट के पद पर भर्ती हो गए एवं फिलहाल द्वितीय कमान अधिकारी के रूप में इंदौर में पदस्थापित हैं। लेखन (1991 से) इनका शौक रहा है एवं पठन-पाठन, हिंदी संगीत, खेलकूद, पर्यटन, मंच संचालन, समाजसेवा इत्यादि में गहरी रूचि है। पाँच(5) कविता संग्रह एवं विभागीय किताब अभी तक इनके द्वारा लिखी जा चुकी है।

संयुक्त राष्ट्रसंघ के तत्वावधान में अफ्रीका में शांति सेना के रूप में कार्यानुभव, गरीब बच्चों को छुट्टियों में मुफ्त पढ़ाना एवं गाँव में पुस्तकालय की स्थापना सह मुफ्त-संचालन, कैरियर कांउसिलिंग, नशापान के विरुद्ध जागरूकता अभियान इत्यादि कुछ इनका सामाजिक योगदान एवं उत्तम सेवा के लिए संयुक्त राष्ट्रसंघ का 2 पदक एवं महानिदेशक सीमा सुरक्षा बल द्वारा 3 अलंकरण खास व्यावसायिक उपलब्धियाँ रही है।

खुश रहें, खुश रखें और यथाशक्ति सामाजिक समरसता तथा राष्ट्रनिर्माण में योगदान इनकी जिंदगी का फलसफा है।

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