Brand Waali Quality, Bazaar Waali Deal!
Our Blog
Help Center
Sell On Snapdeal
Download App
Cart
Sign In
Compare Products
Clear All
Let's Compare!

पुष्प-सार (Pushp Saar)


MRP  
Rs. 299
  (Inclusive of all taxes)
Rs. 256 14% OFF
Delivery
check

Generally delivered in 1 - 4 days

  • ISBN13:9789394603479
  • ISBN10:9789394603479
  • Age:12+
  • Publisher:StoryMirror Infotech Pvt. Ltd.
  • Language:Hindi
  • View all item details
7 Days Replacement
This product can be replaced within 7 days after delivery Know More

Featured

Highlights

  • ISBN13:9789394603479
  • ISBN10:9789394603479
  • Age:12+
  • Publisher:StoryMirror Infotech Pvt. Ltd.
  • Language:Hindi
  • Author:डॉ. लक्ष्मण झा “परिमल” ( Dr. Lakshman Jha " Parimal")
  • Binding:Paperback
  • Pages:196
  • Edition:1
  • SUPC: SDL498220687

Other Specifications

Other Details
Country of Origin or Manufacture or Assembly India
Common or Generic Name of the commodity Poetry
Manufacturer's Name & Address
Packer's Name & Address
Marketer's Name & Address
Importer's Name & Address

Description

About the Book:

‘पुष्प- सार’ डॉ लक्ष्मण झा ‘परिमल’ की प्रथम संरचना है। अपने जीवन के विभिन्न पुष्प रूपी अनुभूतियों से पराभूत होकर, इस कविता संग्रह में कवि ने हरेक विधा का समावेश किया है।

कविताओं के इस संग्रह में जीवन की अलग-अलग प्रावस्थाओं के एकाधिक आभासों का सचित्रण है। प्रेम प्रसंगो से विरह की बेला तक, प्रकृति से मानव प्रवृत्ति तक, व्यावहारिकता से समाजिकता तक, राजनीति से जीवन-नीति तक, यह कविता संग्रह पाठकों के लिए सहज भाषा में एक साहित्यिक भेंट है।

श्रृंगार हास्य, व्यंग, करुण और कई रसों में लिपटी ‘पुष्प-सार’ कवि की चेतना से उद्धृत सचेतना की ओर ले जाने वाला विनम्र प्रयास है।

About the Author:

‘पुष्प-सार’ के रचनाकार डॉ लक्ष्मण झा ‘परिमल’, झारखंड के रमणीक शहर दुमका के निवासी हैं। ६८ वर्षीय परिमल जी ने अपने जीवन के अनमोल ४९ वर्ष भारतीय सेना में कनिष्ठ आयुक्त अफसर के पद पर कार्यरत होकर सेना चिकित्सा कोर को दिया।

२००२ में सेवानिवृत होने के उपरांत डॉ परिमल ने समकालीन झारखंड सरकार स्वीकृत एक गैर सरकारी संगठन के तहत सात पहाड़ी इलाकों के चिकित्सा अधिकारी के रूप में निस्वार्थ सेवाभार ग्रहण किया। उन्हे चिकित्सा सुविधा से वंचित दुमका के ग्रामीण इलाके में अभूतपूर्व कार्य के लिए स्थानीय लोगों और सरकार से काफी सराहना मिली।

डॉ. परिमल की हिन्दी साहित्य विशेषतः कविता में अथाह रुचि ने उनके भीतर के कवि को उनकी युवावस्था से ही जगा दिया था। यदा-कदा हिन्दी पत्रिकाओं अथवा स्थानीय अखबारों में इनकी कविताओं को स्थान मिलता रहा है।

‘पुष्प-सार’ डॉ परिमल के जीवन की अनुभूतियों से सुसज्जित एक सरल और सटीक काव्य संग्रह है जो निश्चित रूप से आम व्यक्ति के विचारों और सपनों से मेल खाती है।

Terms & Conditions

The images represent actual product though color of the image and product may slightly differ.

Quick links

Seller Details

View Store


Expand your business to millions of customers
पुष्प-सार (Pushp Saar)

पुष्प-सार (Pushp Saar)

Rs. 256

Rs. 299
Buy now