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Bauddha Dharma Aur Paryavaran by Dr. Dhrub Kumar


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  • ISBN13:9789353224745
  • ISBN10:9353224748
  • Publisher:Prabhat Prakashan
  • Language:Hindi
  • Author:Dr. Dhrub Kumar
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Highlights

  • ISBN13:9789353224745
  • ISBN10:9353224748
  • Publisher:Prabhat Prakashan
  • Language:Hindi
  • Author:Dr. Dhrub Kumar
  • Binding:Hardback
  • Pages:136
  • SUPC: SDL935480569

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Other Details
Country of Origin or Manufacture or Assembly India
Common or Generic Name of the commodity General Fiction
Manufacturer's Name & Address
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Description

मनुष्य जन्म लेता है और एक दिन इस नश्वर शरीर को त्यागकर पंचतत्वों में स्वाभाविक रूप से विलीन हो जाता हैं। प्रत्येक जीव-जंतु की यही प्राकृतिक जोगन प्रक्रिया है, किंतु क्या यही पर्याप्त है? शायद नहीं ! अन्य जीव-जंतुओं को प्राकृतिक रूप से कुछ-न-कुछ ऐसा कार्य मिला हुआ है कि उसका जीवन अपना कार्य करते-करते अपने समय पर पूर्ण हो जाता है और वह अपनी सार्थकता सिद्ध कर जाता हैं, जैसे गाय को देखें तो वह मनुष्यों को अपना दूध पिलाकर अपने जीवन का औचित्य सिद्ध कर देती हैं, उसी प्रकार साँड़ खेतों में हल द्वारा उन्हें जोतकर अपनी उपयोगिता सिद्ध करता है। तात्पर्य यह है कि प्रत्येक जीव जंतु को प्रकृति ने कोई न कोई कार्य ऐसा दे दिया है, जिससे उसके जीवन की सार्थकता सिद्ध होती हैं।

ढाई हजार वर्ष पूर्व महात्मा बुद्ध ने भौगोलिक प्राकृतिक और सामाजिक पर्यावरण को शुद्ध रखने पर बल दिया और इसके साथ ही भवन निर्माण में पर्यावरण और परिस्थिति की शुद्धता पर भी बल दिया। यह अद्भुत है।

वर्तमान में जिस प्रकार पर्यावरण समस्या बढ़ती ही जा रही हैं, ऐसे में बौद्ध धर्म में अभिव्यक्त पर्यावरण संबंधी सुझावों पर ध्यान देना अनिवार्य हो जाता है, तभी मनुष्य एवं प्रकृति स्वस्थ रह पाएगी। मनुष्य को चाहिए प्रकृति में पेड़, पौधों एवं तमाम जौव-जंतुओं के साथसाथ नदी-नहरों में बहते जल को स्वच्छ रखें और उनकी रक्षा करे, तभी मनुष्य स्वयं भी स्वस्थ रह सकेगा।

About the Author

डॉ. ध्रुव कुमार

शिक्षा : एम.ए., एम.एड., एम. जे. एम.सी., एम.फिल. एवं पीएच.डी.।

कृतित्व : 'बिहार शताब्दी के सौ नायक', 'जैन धर्म और बिहार’, ‘जैन धर्म की कहानियाँ', 'बिहार-झारखंड के जैन तीर्थ स्थल', 'जैन धर्म के चौबीस तीर्थंकर', 'किताबों की दुनिया : पटना पुस्तक मेला', 'नीतीश गाथा', ‘नमन' (श्रीगुरुगोविंद सिंहजी की जीवनगाथा) सहित दो दर्जन पुस्तकें प्रकाशित।

रंगकर्म, पत्रकारिता, समाचार वाचन, लघुकथा लेखन आदि में लगातार सक्रिय।

संप्रति : अध्यक्ष, शिक्षा विभाग (बी.एड.), नालंदा कॉलेज, बिहार शरीफ (पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय)

संपर्क : व्योम, पी.डी. लेन, महेंद्र, पटना-800006

मो. नं. : 9304455515

इ-मेल: dhrub20@gmail.com

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