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Diya Nahin to Kya Jiya

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  • ISBN13:9789353223229
  • ISBN10:9353223229
  • Publisher:Prabhat Prakashan
  • Language:Hindi
  • Author:N. Raghuraman
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Highlights

  • ISBN13:9789353223229
  • ISBN10:9353223229
  • Publisher:Prabhat Prakashan
  • Language:Hindi
  • Author:N. Raghuraman
  • Binding:Paperback
  • Pages:184
  • Edition:2019
  • SUPC: SDL392726478

Other Specifications

Other Details
Country of Origin or Manufacture or Assembly India
Common or Generic Name of the commodity Motivational & Inspirational
Manufacturer's Name & Address
Packer's Name & Address
Marketer's Name & Address
Importer's Name & Address

Description

बाद में कबीरधाम में मैं 18 वर्षीय ललित यादु से मिला, जो पूरी तरह हिंदी भाषी आबादी के हिसाब से अच्छी अंग्रेजी लिख-बोल लेते हैं। उनके पिता पान की दुकान चलाते हैं और उनके परिवार की आय 150 रुपए प्रतिदिन है। ललित बीए दूसरे वर्ष के छात्र हैं, उनका भाई बीएड कर रहा है और बहन 11वीं में पढ़ती है। वे प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना में डाटा मॉनिटरिंग असिस्टेंट के रूप में अंशकालिक काम भी करते हैं और हर माह 5 हजार रुपए कमा लेते हैं। वे यूपीएससी परीक्षा की भी तैयारी कर रहे हैं। शाम को वे गरीब बच्चों को सारे विषय निःशुल्क पढ़ाते हैं। चूँकि वे सरकारी स्कूल से पढ़े हैं, जहाँ कई विषयों के लिए अध्यापक नहीं हैं तो उन्हें लगता है कि अपने इलाके के लिए बच्चों की यह कठिनाई दूर करना उनका काम है। वे रोज अपनी बहन और कुछ खास मित्रों के साथ इंग्लिश बोलते हैं, ताकि इस विदेशी भाषा में महारत हासिल हो जाए। उनमें बहुत आत्मविश्वास है और मानते हैं कि वे जीवन में इसलिए आगे बढ़ रहे हैं, क्योंकि वे अन्य छात्रों को आगे बढ़ने में मदद करते हैं।

—इसी पुस्तक से

सुप्रसिद्ध लेखक एन. रघुरामन की ऐसी तात्कालिक और समसामयिक घटनाओं के प्रसंग लेकर लिखी गई प्रेरक और उत्प्रेरित करनेवाली पुस्तक।

About the Author

एन. रघुरामन

मुंबई विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएट और आई.आई.टी. (सोम) मुंबई के पूर्व छात्र श्री एन. रघुरामन मँजे हुए पत्रकार हैं। 30 वर्ष से अधिक के अपने पत्रकारिता के कॅरियर में वे ‘इंडियन एक्सप्रेस’, ‘डीएनए’ और ‘दैनिक भास्कर’ जैसे राष्ट्रीय दैनिकों में संपादक के रूप में काम कर चुके हैं। उनकी निपुण लेखनी से शायद ही कोई विषय बचा होगा, अपराध से लेकर राजनीति और व्यापार-विकास से लेकर सफल उद्यमिता तक सभी विषयों पर उन्होंने सफलतापूर्वक लिखा है। ‘दैनिक भास्कर’ के सभी संस्करणों में प्रकाशित होनेवाला उनका दैनिक स्तंभ ‘मैनेजमेंट फंडा’ देश भर में लोकप्रिय है और तीनों भाषाओं—मराठी, गुजराती व हिंदी—में प्रतिदिन करीब तीन करोड़ पाठकों द्वारा पढ़ा जाता है। इस स्तंभ की सफलता का कारण इसमें असाधारण कार्य करनेवाले साधारण लोगों की कहानियों का हवाला देते हुए जीवन की सादगी का चित्रण किया जाता है।

श्री रघुरामन ओजस्वी, प्रेरक और प्रभावी वक्ता भी हैं; बहुत सी परिचर्चाओं और परिसंवादों के कुशल संचालक हैं। मानसिक शक्ति का पूरा इस्तेमाल करने तथा व्यक्ति को अपनी क्षमता के अधिकतम इस्तेमाल करने के उनके स्फूर्तिदायक तरीके की बहुत सराहना होती है।

इ-मेल :

nraghuraman13@gmail.com

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