पिछले कई साल से देश वाकई बदल रहा है, आगे बढ़ रहा है। बहुत सारी अजीबो-गरीब चीजें हुई हैं। नोटबंदी हुई, बीफ बैन हुआ, जस्टिन बीबर आया, जी.एस.टी. आया, स्मॉग आया, प्लास्टिक के चावल आए, फेक न्यूज आई, सर्जिकल स्ट्राइक आई, बिप्लब देब आए और बहुत कुछ आया। उसी सिलसिले में हादसे की तरह यह किताब भी आ गई। इसको आने में देर इसलिए हुई, क्योंकि ऊपर की बाकी सारी चीजों को अपने पन्नों के कंधों पर उठाने की जिम्मेदारी इसी की थी। तो हर खासो आम को ताकीद की जाती है कि वे भावनाओं और भाव-भंगिमाओं के साथ पुस्तक का पाठ करें। इस किताब को लिखने में खुद को छोड़कर किसी भी इनसान, जानवर, पक्षी, कीट-पतंगे को नुकसान नहीं पहुँचाया गया है। भाषा का इतना ज्यादा ध्यान रखा गया है कि इसे आप परिवार के साथ बैठकर पढ़ सकते हैं। रिश्तेदार को गिफ्ट कर सकते हैं। इसके कोई साइड इफेक्ट्स नहीं हैं। हाँ, अभी तक यूनेस्को ने इसे वर्ल्ड की बेस्ट किताब घोषित नहीं किया है और हम चाहेंगे भी नहीं कि यूनेस्को ऐसी फेक न्यूज को अपनी लिखा-पढ़ी में स्थान दे। किताब में इस बात का पूरा ध्यान रखा गया है कि फैक्ट्स पूरे सही हों और गप्प पूरी तरह से गप्प, अगर इनमें से कुछ भी मिसिंग लगे या कुछ कहने-सुनने का मन हो तो लेखक को सोशल मीडिया पर खोजकर सिर्फ तारीफ करें। क्योंकि सोशल मीडिया पर गंदगी फैलाने से हमारे प्रधानमंत्री ने मना किया है।
About the Author
आशुतोष उज्ज्वल नाम है। राहुल गांधी का संसदीय क्षेत्र अमेठी धाम है। आप जज करें, इससे पहले बता दें कि तमाम महापुरुषों की तरह इनकी प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा गाँव के पास के स्कूल में संपन्न हुई। उच्च शिक्षा के लिए विदेश यानी लखनऊ जाना पड़ा। वहाँ तीन साल अथक परिश्रम के बावजूद क्रिश्चियन कॉलेजवालों ने पास करके नहीं दिखाया। कानपुर यूनिवर्सिटी के एक ‘पास करानेवाले टीचर’ ने स्वतः संज्ञान लेकर फॉर्म भरवाया, इस तरह 6 साल में बी.ए. कंप्लीट हुआ। 22 वर्ष की बाल्यावस्था में विवाह, 24 वर्ष की अल्पायु में पापा बनने का सौभाग्य। घर का खर्च चलाने के लिए गाँव में मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान खोली लेकिन ग्राहकों की उधारेच्छा के फलस्वरूप बंद करनी पड़ी। बनारस जाकर कुछ दिन गंगा किनारे पड़े रहे। कुछ इग्नोर करणीय काम वाम भी किया। उसके बाद दी लल्लनटॉप वेबसाइट में ‘लिखेगा नहीं तो मरेगा’ स्कीम के तहत लेखक और लैपटॉप पत्रकार का काम कर रहे हैं। इंगलिश और ज्योतिष से कट्टी है, इसलिए फ्यूचर टेंस के बारे में हर सवाल टाल जाते हैं।