Cart
Sign In
Compare Products
Clear All
Let's Compare!

Gujarati Ki Lokpriya Kahaniyan


MRP  
Rs. 350
  (Inclusive of all taxes)
Rs. 287 18% OFF
(1) Offers | Applicable on cart
Apply for a Snapdeal BOB Credit Card & get 5% Unlimited Cashback T&C
Delivery
check

Generally delivered in 5 - 9 days

  • ISBN13:9789352663798
  • ISBN10:9789352663798
  • Age:15+
  • Publisher:Prabhat Prakashan
  • Language:Hindi
  • View all item details
7 Days Replacement
This product can be replaced within 7 days after delivery Know More

Featured

Highlights

  • ISBN13:9789352663798
  • ISBN10:9789352663798
  • Age:15+
  • Publisher:Prabhat Prakashan
  • Language:Hindi
  • Author:Abid Surti
  • Binding:Hardback
  • Pages:176
  • Edition:2020
  • Edition Details:2020
  • SUPC: SDL248758235

Other Specifications

Other Details
Country of Origin or Manufacture or Assembly India
Common or Generic Name of the commodity Literature & Fiction
Manufacturer's Name & Address
Packer's Name & Address
Marketer's Name & Address
Importer's Name & Address

Description

चुनी हुई इन रचनाओं को चाहे आप कालजयी कहें या सदाबहार, श्रेष्ठ कहें या अविस्मरणीय; हैं तो सदियों तक दिलो-दिमाग पर राज करनेवाली कहानियाँ।\nइस संकलन को तैयार करने में पाँच वर्ष लग गए। इसके कई कारण हैं। पहला यह कि हम सब (यानी कि मैं, मेरे सलाहकार तथा मित्र) चाहते थे, यह संकलन न सिर्फ परिपूर्ण और त्रुटिहीन हो, बल्कि अद्वितीय भी हो।\nऔर जब इरादे बुलंद हों तो अवरोध भी उतने ही बड़े होते हैं। सबसे पहले यह समस्या खड़ी हुई कि सैकड़ों कहानियों के ढेर में से किसे चुनें और किसे छोड़ें। काफी जद्दोजहद और धुआँधार बहसों के सिलसिले के बाद हल निकला तो संकलन का कद जरूरत से ज्यादा ही मोटा हो गया। फिर एक बार छँटाई करनी पड़ी।\nकभी ऐसा भी हुआ कि प्रसिद्ध लेखक की रचना को त्यागकर किसी अन्य लेखक को तरजीह देनी पड़ी। कारण सिर्फ यही रहा कि हिंदी में बार-बार अनूदित हो चुकी रचना के बजाय क्यों न उतनी ही ठोस नई रचना पेश की जाए?\nइसी तरह छँटते-छनते हुए संकलन तैयार हुआ और आज आपके हाथों में है।\n—आबिद सुरती\n About The Author - आबिद सुरती\nजन्म : 1935 राजुला (गुजरात)।\nशिक्षा : एस.एस.सी., जी.डी. आर्ट्स (ललित कला)।\nप्रकाशन : अब तक अस्सी पुस्तकें प्रकाशित, जिनमें पचास उपन्यास, दस कहानी संकलन, सात नाटक, पच्चीस बच्चों की पुस्तकें, एक यात्रा-वृत्तांत, दो कविता संकलन, एक संस्मरण और कॉमिक्स। पचास साल से गुजराती तथा हिंदी की विभिन्न पत्रिकाओं और अखबारों में लेखन। उपन्यासों का कन्नड़, मलयालम, मराठी, उर्दू, पंजाबी, बंगाली और अंग्रेजी में अनुवाद। ‘ढब्बूजी’ व्यंग्य चित्रपट्टी निरंतर तीस साल तक साप्ताहिक ‘धर्मयुग’ में प्रकाशित।\nदूरदर्शन, जी तथा अन्य चैनलों के लिए कथा, पटकथा, संवाद लेखन। अब तक देश-विदेशों में सोलह चित्र-प्रदर्शनियाँ आयोजित। फिल्म लेखक संघ, प्रेस क्लब (मुंबई) के सदस्य।\nपुरस्कार : कहानी संकलन ‘तीसरी आँख’ को राष्ट्रीय पुरस्कार।\nEmail : aabidssurti@gmail.com\nWeb: www.aabidsurti.in\n www.ddfmumbai.com\n

Terms & Conditions

The images represent actual product though color of the image and product may slightly differ.

Quick links

Seller Details

View Store


Expand your business to millions of customers