यह पुस्तक खुशी की राह दिखाती है, जो जीवन के प्रमुख उद्देश्यों में से एक है। स्वाभाविक रूप से सभी खुश रहना चाहते हैं। नहीं तो हमारे जीने और काम करने का मतलब क्या है? कई लोग खुशी को सुख-सुविधाओं में वृद्धि के तौर पर देखते हैं। कुछ लोग पद, या जीने में आसानी, रोमांच, या अधिक पैसा और उसके कुछ भी खरीदने की ताकत से इसका अंदाजा लगाते हैं। हालाँकि, पूरब से मिले ज्ञान का इस्तेमाल करने और इसमें जो कहा गया है, उसके अनुसार वैकल्पिक दृष्टिकोण को अपनाने से हमें अपनी सच्ची स्थिति और उस खुशी तक पहुँचने के आवश्यक साधनों की जानकारी मिलती है जिसके लिए हम हमेशा तरसते रहते हैं। यह जानकारी निश्चित रूप से आपको अधिक-से-अधिक संभावनाओं का एहसास करा देगी। इससे आप उस स्वाभाविक प्रसन्नता की अनुभूति करेंगे, जो सदैव आपकी आत्मा में ही रहती है।
जीवन के सच्चे सुख को परिभाषित करने की व्यावहारिक जानकारी और दृष्टि देनेवाली अनुपम पुस्तक।
About the Author
स्टीफन नैप एक साहित्यकार, लेखक, दार्शनिक, अध्यात्मविद्, देशाटन-प्रेमी, फोटोग्राफर और लेक्चरर हैं। उन्होंने वैदिक दर्शन के गहन और सच्चे आध्यात्मिक ज्ञान का प्रसार करने के लिए निरंतर रूप से कार्य किया है। उनके कार्यों का मुख्य उद्देश्य भारत के आध्यात्मिक दर्शन और वैदिक संस्कृति के उत्कृष्ट ज्ञान को सरल और सटीक तरीके से समझाकर उनकी व्याख्या उपलब्ध कराना है, जिसके पास मानवता को देने के लिए बहुत कुछ है। अपने इस इरादे में वह अब तक सफल दिख रहे हैं। अनेक पाठकों ने इस बात के लिए उनकी प्रशंसा कि है कि जो बात समझ से परे और असीम लगती है, उनकी जटिलताओं को वह बड़ी सरलता से समझा देते हैं।