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Kasheer by Sahana Vijayakumar


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  • ISBN13:9789387980723
  • ISBN10:9789387980723
  • Age:15+
  • Publisher:Prabhat Prakashan
  • Language:Hindi
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Highlights

  • ISBN13:9789387980723
  • ISBN10:9789387980723
  • Age:15+
  • Publisher:Prabhat Prakashan
  • Language:Hindi
  • Author:Sahana Vijayakumar
  • Binding:Hardback
  • Pages:364
  • Edition:2021
  • Edition Details:2020-2021
  • SUPC: SDL718481044

Other Specifications

Other Details
Country of Origin or Manufacture or Assembly India
Common or Generic Name of the commodity General Fiction
Manufacturer's Name & Address
Packer's Name & Address
Marketer's Name & Address
Importer's Name & Address

Description

यह एक त्रासदी है कि कुछ कहानियाँ अनकही रह जाती हैं, प्रमुख कथाओं और जटिल वास्तविकताओं के कोलाहल में खो जाती हैं। कश्मीरी हिंदुओं की कहानी ऐसी ही एक कहानी है। जब यह उपन्यास जुलाई 2018 में मूल रूप से कन्नड़ में प्रकाशित हुआ था, तब धारा 370 लागू थी। अब, इसके निरस्त होने के बाद भी, उपन्यास बहुत प्रासंगिक है। कश्मीर की सृष्टि और प्रगति का परिचय, उसके सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक आयामों से कराते हुए, यह उपन्यास न केवल कश्मीर के समकालीन और ऐतिहासिक दोनों चित्रों की कल्पना करता है, बल्कि सनातन धर्म और सेमेटिक मतों के अंतर्निहित दर्शन की भी छानबीन करता है।
यह आवश्यक है कि आनेवाले दिन कश्मीर के लिए आशावाद से भरे हों। साथ ही कश्मीरी हिंदुओं की दुर्भाग्यपूर्ण कहानी को जानना भी उतना ही आवश्यक है, जो अपनी मातृभूमि से बेदखल किए गए हैं। यह उनकी कहानी है। यह कश्मीर की कहानी है।

About Author
कर्नाटक राज्य के मैसूर शहर की मूल निवासी हैं। फिलहाल बेंगलुरु में बसी हैं और सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। उपन्यास लिखने से पहले वह पत्रिका में लेख लिखती थीं। ‘कशीर’ उनका दूसरा उपन्यास है, जो उनकी मातृभाषा कन्नड़ में 2018 में प्रकाशित हुआ। वाचकों ने पुस्तक की बड़ी सराहना की और अब तक इसके पाँच संस्करण प्रकाशित हो चुके हैं। ‘कशीर’ अब हिंदी के साथ-साथ, अंग्रेजी और मराठी में भी प्रकाशित हो रहा है। इनका पहला उपन्यास ‘क्षमा’ सन् 2016 में प्रकाशित हुआ था और तीसरा, ‘अवसान’ फरवरी 2020 में प्रकाशित हुआ। प्रसिद्ध कन्नड़ लेखक डॉ. एस.एल. भैरप्पा का इन्हें मार्गदर्शन मिला है।

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