हर फरिश्ते में, एक शैतान छिपा होता है,\nऔर हर शैतान के भीतर, एक फरिश्ता पलता है।\nपहली बार जब उसने अपनी नई मकान-मालिकन पर नजर गड़ाई, जो एक विधवा और उससे ग्यारह साल बड़ी है, तो उसे एक मौका दिखाई पड़ा। उसके पास अमीर बनने का एक प्लान है और वह उसे पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करता है, जब तक कि उसकी मुलाकात पीहू से नहीं होती। वह एक अपरिपक्व टीनएजर है, जो नील को चाहती है, और आँख मूँदकर मान लेती है कि वह एक फरिश्ता है, जो उसकी जिंदगी की सारी मुश्किलें दूर कर देगा। \nबेवजह की इस चाहत और प्लान का काँटा बनती पीहू से नील नफरत करता है, लेकिन नील को बेहतर इनसान बनाने की पीहू की जिद नील को अंदर तक झकझोर देती है।\nक्या पीहू उसे बदल पाएगी? क्या जो इनसान सारी हदों को पार कर चुका है, उसका हृदय बदला? \n‘लड़की अनजानी सी’ भावनाओं का ऐसा उफान है, जो आपको यकीन दिला देगा कि कबूलनाम सबसे बड़ी सजा होती है।\nअजय कुमार पांडे ने अपने लेखन से कई लोगों की जिंदगी को छूआ है, और वे लगातार प्रेम कहानियाँ लिख रहे हैं। उनकी पुस्तकें कई बेस्टसेलर चार्ट का हिस्सा हैं, और उन गहराइयों को टटोलती हैं, जहाँ तक दिल उतर सकता है। \nप्रेम की नई परिभाषा रचनेवाली पठनीय कृति।अजय के. पांडे रिहंद नगर की एन.टी.पी.सी. टाउनशिप में बड़े-बड़े सपने लेकर वयस्क हुए। उन्होंने कॉरपोरेट कंपनी में नौकरी करने से पहले आई.ई.आर.टी. (इलाहाबाद) से इलेक्ट्रॉनिक्स में इंजीनियरिंग और आई.आई.एम.एम. (पुणे) से एम.बी.ए. की पढ़ाई की। वर्तमान में वे पुणे के ‘कॉग्निजेंट’ के साथ काम कर रहे हैं। एक शिक्षक बनने के सपने के साथ वे बड़े हुए, लेकिन भाग्य ने उन्हें आई.टी. क्षेत्र में उतारा। \nयात्राएँ करने में विशेष अभिरुचि; ट्रेकिंग ने हमेशा उन्हें एक खेल की तरह चुनौतियों से निपटने के लिए प्रेरित किया है। पढ़ने का भी बहुत शौक है, जो उन्हें जीवंत रखता है।\n‘यू आर द बेस्ट वाइफ’ उनकी पहली पुस्तक थी, जो उनके जीवन की घटनाओं और सीखों पर केंद्रित है। समाज के लिए कुछ करने की प्रबल इच्छा रखनेवाले अजय पांडे एक धर्मार्थ ट्रस्ट शुरू करने की इच्छा रखते हैं, जो वृद्ध लोगों के कल्याण के लिए काम करेऔर विशेष बच्चों को शिक्षित भी।\nअजय ने बेस्टसेलिंग पुस्तकें ‘हर लास्ट विश’ एंड ‘यू आर द बेस्ट फ्रेंड’ भी लिखी हैं।\nFacebook: AuthorAjayPandey\nTwitter: @AjayPandey_08\nInstagram: @author_ajaykpandey:\nEmail: ajaypandey0807@gmail.com