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Nobel Puraskrit Dr. Har Gobind Khorana by Dinesh Mani


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  • ISBN13:9789384344955
  • ISBN10:9384344958
  • Publisher:Prabhat Prakashan
  • Language:Hindi
  • Author:Dinesh Mani
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Highlights

  • ISBN13:9789384344955
  • ISBN10:9384344958
  • Publisher:Prabhat Prakashan
  • Language:Hindi
  • Author:Dinesh Mani
  • Binding:Hardback
  • Publishing Year:2019
  • Pages:160
  • SUPC: SDL476260733

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Other Details
Country of Origin or Manufacture or Assembly India
Common or Generic Name of the commodity Biographies & Autobiographies
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Description

आनुवंशिक गुप्त लिपि (जेनेटिक कोड) संबंधित रहस्यों के उद्घाटित करने में हर गोविंद खुराना का महत्त्वपूर्ण योगदान है। डॉ. खुराना को उनकी इस खोज के लिए 1968 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। डॉ. खुराना ने साधारण रासायनिक प्रतिक्रिया की सहायता से इस पहेली को हल कर दिखाया। अतिरिक्त संदेशवाहक आर.एन.ए. के निर्माण के द्वारा डॉ. खुराना ने संपूर्ण जेनेटिक कोड और जेनेटिक कोड के अपविकास के लिए जिम्मेदार कारणों की व्याख्या संबंधी कार्य को सिद्ध कर दिखाया। डॉ. खुराना ने दरशाया कि कोड में कुछ त्रयी विरामचिह्न का काम करती है। यह एक ऐसी प्रमुख उपलब्धि थी, जिससे आणविक जीव विज्ञान और चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में भविष्य में होनेवाली विकास का रास्ता खुला। डॉ. खुराना की प्रयोगशाला में हुए अनुसंधान कार्यों से चिकित्सकों को यह समझने में सहायता मिली कि जीवित कोशिकाओं की भाषा क्या है? इस आनुवंशिक भाषा का अनुवाद किस प्रकार होता है? क्या एक संपूर्ण जीन को परखनली में बनाया जा सकता है? डॉ. खुराना ने न केवल आनुवंशिक गुप्त लिपि के अधिकांश रहस्यों पर से परदा हटाया, बल्कि एक संपूर्ण जीन का कृत्रिम संश्लेषण करने में भी सफलता प्राप्त की। क्या एक संपूर्ण जीन को परखनली में बनाया जा सकता है? डॉ. खुराना द्वारा हासिल की गई उपलब्धियों के फलस्वरूप ही आनुवंशिक अभियांत्रिकी के क्षेत्र में तेजी से प्रगति हुई है।

भारत के महान् वैज्ञानिक डॉ. हरगोविंद खुराना की प्रेरक पठनीय जीवनी।

About the Author

डॉ. दिनेश मणि

जन्म : 15 जून, 1965, सुल्तानपुर (उत्तर प्रदेश)।

शिक्षा : एम.एस-सी. (गोल्ड मेडलिस्ट), डी.फिल., डी.एस-सी. (सभी परीक्षाएँ प्रथम श्रेणी में अच्छे अंकों के साथ उत्तीर्ण) तथा विज्ञान व्यास, विज्ञान रत्न, विज्ञान वाचस्पति।

संप्रति : प्रोफेसर, रसायन विज्ञान विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय।

रचना-संसार : विगत तीस वर्षों से विज्ञान के लोकप्रियकरण में संलग्न। विभिन्न वैज्ञानिक विषयों पर हिंदी में लगभग 50 एवं अंग्रेजी में 12 पुस्तकें प्रकाशित। विभिन्न वैज्ञानिक पुस्तकों में

30 अध्याय, 105 शोधपत्र, 1000 से अधिक लोकप्रिय विज्ञान के आलेख प्रकाशित। अब तक डॉक्टरेट उपाधि हेतु 20 शोधछात्रों का निर्देशन। दूरदर्शन एवं आकाशवाणी इलाहाबाद से अनेक वार्त्ताएँ प्रसारित।

सम्मान-पुरस्कार : ‘विज्ञान’ (मासिक) के कुशल संपादन हेतु उ.प्र. हिंदी संस्थान द्वारा ‘सरस्वती नामित पुरस्कार’, ‘डॉ. संपूर्णानंद नामित पुरस्कार’, एवं ‘बाबूराव विष्णु पराड़कर नामित पुरस्कार’, केंद्रीय हिंदी निदेशालय द्वारा ‘शिक्षा पुरस्कार’, विज्ञान परिषद् प्रयाग का ‘विज्ञान परिषद् शताब्दी सम्मान’, केंद्रीय हिंदी संस्थान,

नई दिल्ली का ‘आत्माराम पुरस्कार’, ‘आई.सी.एम.आर. पुरस्कार’, विज्ञान परिषद् प्रयाग का ‘विज्ञान पत्रिका शताब्दी सम्मान’ सहित अनेक पुरस्कार एवं सम्मान।

संपर्क : 35/3, जवाहर लाल नेहरू रोड, जॉर्ज टाउन, प्रयागराज-211002

ई-मेल : dineshmanidse@gmail.com

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