शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय बांग्ला भाषा के एक बड़े साहित्यकार थे। उनका जन्म बंगाल के हुगली जिले के छोटे से गाँव देवानन्दपुर में 15 सितम्बर सन् 1876 ई. में हुआ था। शरतचन्द्र जमीन से जुड़ें कथाकार थे। उनकी मृत्यु सन् 1936 ई. में हुई थी। शरतचन्द्र के निधन को आज 80 से भी अधिक वर्ष हो चुके है। इसके बावजूद उनकी रचनाओं के अनुवाद अधिकांश भारतीय भाषाओं में उपलब्ध हैं।
बंगाल के क्रांतिकारी आंदोलन की पृष्ठभूमि पर रचित इस उपन्यास ‘पथ के दावेदार’ के माध्यम से ‘नारी वेदना के पुरोहित’ शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय ने क्रांतिकारी गतिविधियों के साथ-साथ तत्कालीन समाज में व्याप्त छुआछूत, जात-पात, ऊंचनीच आदि सामाजिक बुराइयों को रेखांकित किया है।