Cart
Sign In
Compare Products
Clear All
Let's Compare!

Rajyoga : Swaroop evam Sadhna


MRP  
Rs. 300
  (Inclusive of all taxes)
Rs. 258 14% OFF
(1) Offers | Applicable on cart
Apply for a Snapdeal BOB Credit Card & get 5% Unlimited Cashback T&C
Delivery
check

Generally delivered in 5 - 9 days

  • ISBN13:9789353224066
  • ISBN10:9353224063
  • Publisher:Prabhat Prakashan
  • Language:Hindi
  • Author:Yogi Adityanath
  • View all item details
7 Days Replacement
This product can be replaced within 7 days after delivery Know More

Featured

Highlights

  • ISBN13:9789353224066
  • ISBN10:9353224063
  • Publisher:Prabhat Prakashan
  • Language:Hindi
  • Author:Yogi Adityanath
  • Binding:Hardback
  • Publishing Year:2019
  • Pages:192
  • SUPC: SDL733615869

Other Specifications

Other Details
Country of Origin or Manufacture or Assembly India
Common or Generic Name of the commodity Health & Fitness
Manufacturer's Name & Address
Packer's Name & Address
Marketer's Name & Address
Importer's Name & Address

Description

राजयोग मूलतः मन के निरोध की साधना है।...मन ही मनुष्यों के बंधन और मोक्ष का कारण है। जो मन विषयों में आसक्त हो, वह बंधन का और जो विषयों से पराङ्मुख हो, वह मोक्ष का कारण होता है। मन और प्राण का पारस्परिक अटूट संबंध है। मन के निरोध से प्राण स्पंद रुक जाता है और प्राण स्पंद की शिथिलता मन को एकाग्र बना देती है। इसीलिए मन के निरोध के लिए प्राण स्पंद की गतिविधि पर सम्यक् अनुशासन रखना आवश्यक है।...इसके लिए शुद्ध मन से, बुद्धि की सहायता से तत्त्वज्ञान प्राप्त करके, अर्थात् विवेक एवं वैराग्य द्वारा मन को बाह्य विषयों से हटाने का अभ्यास किया जाता है। प्रवृत्ति-भावना से अलग होकर निवृत्ति-भावना को सुदृढ़ बनाने का अभ्यास जब पक्का हो जाता है, तब मन का निरोध होता है। इसके लिए शास्त्रों के श्रवण और मनन की आवश्यकता अपरिहार्य है। फलतः उतनी ही तत्परता तथा दृढ़ता से उक्त प्रक्रिया द्वारा मन का निरोध होगा; और यही ‘राजयोग’ है।
—इसी पुस्तक से

About the Author

महंत योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश
महंत योगी आदित्यनाथ महायोगी गुरु श्री गोरक्षनाथ द्वारा प्रवर्तित नाथपंथ की सर्वोच्च सिद्धपीठ एवं श्री गोरखनाथ मंदिर गोरखपुर के पीठाधीश्वर महंत हैं। श्री गोरक्षपीठ द्वारा संचालित महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद् के अंतर्गत लगभग साढ़े चार दर्जन शिक्षण, प्रशिक्षण, चिकित्सा एवं सेवा संस्थानों के प्रबंधक/अध्यक्ष एवं मार्गदर्शक हैं। शिक्षा-चिकित्सा संस्थानों में अनेक मौलिक प्रयोग कर विविध नवाचारों के प्रतिष्ठापक हैं। श्री गोरखनाथ मंदिर द्वारा प्रकाशित मासिक पत्रिका ‘योगवाणी’ के प्रधान संपादक हैं। नाथपंथ एवं नाथयोग दर्शन के प्रकांड विद्वान् हैं। नेपाल की सांस्कृतिक, सामाजिक, राजनीतिक परिस्थितियों के अध्येता एवं समालोचक हैं। मौलिक चिंतक, शोध-अध्येता, दार्शनिक एवं व्यावहारिक योग के आचार्य के रूप में आपकी ख्याति है। भारतीय संस्कृति एवं साधना के योग्य साधक, ‘हिंदुत्व ही राष्ट्रीयता है’ के उद्घोषक, धर्माधारित राजनीति के प्रतिमान, राजनीति में एक नई कार्य-संस्कृति के प्रतीक, लोक-कल्याण पथ के पथिक, सामाजिक समरसता के वाहक, कठोर परिश्रमी, स्वानुशासित योगमय जीवन के धनी, श्रम को भी साधना माननेवाले राजयोगी महंत आदित्यनाथजी की ‘हठयोग : स्वरूप एवं साधना’, ‘हिंदू राष्ट्र नेपाल : अतीत, वर्तमान एवं भविष्य’, ‘राजयोग : स्वरूप एवं साधना’ जैसी पुस्तकें अत्यंत लोकप्रिय हैं। नाथपंथ एवं योगदर्शन के साथ-साथ सामाजिक-सांस्कृतिक-राष्ट्रीय विषयों पर पत्र-पत्रिकाओं में आपके प्रकाशित आलेख में निरंतर आपकी अभिरुचि एवं चिंतन की प्रतिध्वनि सुनी जाती है।

Terms & Conditions

The images represent actual product though color of the image and product may slightly differ.

Quick links

Seller Details

View Store


Expand your business to millions of customers
Rajyoga : Swaroop evam Sadhna

Rajyoga : Swaroop evam Sadhna

Rs. 258

Rs. 300
Buy now