नरेंद्र मोदी भारत के अब तक के सबसे परिवर्तनकारी प्रधानमंत्री रहे हैं। लोकप्रियता और पराक्रम में उन्होंने जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी को पीछे छोड़ दिया है। सुधारों में वह पी.वी. नरसिम्हा राव और अटल बिहारी वाजपेयी का रिकॉर्ड तोड़ चुके हैं। उन्होंने भारतीयों में ऐसी आकांक्षा जगाई, जैसी पहले कभी नहीं देखी गई थी।
मोदी के नेतृत्व में, भारत ने सबसे बड़ा सत्ता परिवर्तन देखा, जिसमें बी.जे.पी. का उदय सत्ताधारी दल के रूप में एक नई राजनीतिक कहानी तथा शैली के रूप में हुआ, जिसने कांग्रेस की छह दशकों की श्रेष्ठता को समाप्त कर दिया। सरकार आधुनिक, डिजिटल, भ्रष्टाचार-मुक्त, जवाबदेह और विश्वसनीय बन गई तथा जनता को भी अभूतपूर्व रूप से भागीदार बना दिया है। यह जी.एस.टी., विमुद्रीकरण तथा भारत-केंद्रित कूटनीति लेकर आई, पुरानी प्रणालियों और नियमों को समाप्त किया, स्वच्छ भारत अभियान, कल्याणकारी योजनाओं
और सड़कों तथा बंदरगाहों के निर्माण के लक्ष्य निश्चित किए।
मोदीकेयर, मुफ्त रसोई गैस, स्मार्ट सिटी और कारोबार में आसानी किस प्रकार जीवन बदल रहे हैं; राफेल, लिंचिंग, पुरस्कार वापसी और असहिष्णुता क्या है; मोदी और अरुण जेटली किस प्रकार एन.पी.ए. के कचरे को साफ कर रहे हैं; किस प्रकार सकारात्मक काररवाई के कारण अल्पसंख्यकों, ओ.बी.सी. तथा एस.सी.-एस.टी. समूहों को नया लाभ मिला; अमित शाह ने किस प्रकार बी.जे.पी. को चुनावों में उलट-पुलट देने वाली ताकत बनाया; कैसे नितिन गडकरी ने चार वर्षों में यू.पी.ए. के 10 वर्षों से भी अधिक सड़कें बनवाईं; मोदी ने किस प्रकार अमीरों की साँठगाँठ को समाप्त किया, जिसका पर्दाफाश राडिया टेप में हुआ था; कैसे मोदी ने प्रणालियों को बदला और एक नए भारत का निर्माण किया; मोदी के नेतृत्व को किस प्रकार नैतिकता, भावना और तर्क के आधार पर परिभाषित किया जा सकता है—यह पुस्तक भारतीय राजनीति में नरेंद्र मोदी के प्रभाव के विस्तार और भविष्य में इसकी दिशा का आकलन करती है।
About the Author
डॉ. आर. बालाशंकर एक राजनीतिक विश्लेषक, सामाजिक कार्यकर्ता और शिक्षाविद् हैं। भारतीय राजनीति के नए चरण पर वह काफी कुछ लिखते रहे हैं। वह ऑर्गेनाइजर साप्ताहिक के पूर्व संपादक और भारतीय जनता पार्टी (बी.जे.पी.) के बौद्धिक सेल के पूर्व राष्ट्रीय संयोजक हैं। वह 1998 से 2004 तक, वाजपेयी सरकार में मानव संसाधन तथा विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी के केंद्रीय मंत्री डॉ. मुरली मनोहर जोशी के सलाहकार थे।
बालाशंकर ने रायपुर स्थित कुशाभाऊ ठाकरे विश्वविद्यालय में संत कबीर चेयर फॉर डेवलपमेंट कम्युनिकेशन की अध्यक्षता की। वह भारत में सूचना प्रौद्योगिकी के इतिहास में पी-एच.डी. हैं और इतिहास तथा अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल कर चुके हैं।
वह एन.डी.टी.वी., आउटलुक, डेली ओ. तथा अन्य कई प्रकाशनों के नियमित स्तंभकार हैं। वर्तमान में वह बी.जे.पी. के राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं प्रकाशन विभाग के सह-संयोजक हैं।
वह दो और पुस्तकों, एजिटेशन अगेंस्ट बंगाल पार्टीशन और हिस्ट्री ऑफ इंडियन टेलीकम्युनिकेशन के लेखक भी हैं।