‘‘अपने ऊपर मास्टरी हासिल करने से बड़ा और कुछ भी नहीं है।’’
—लियोनार्डो द विंची
ज्यादातर लोग अपने अंदर मौजूद आदतों और पैटर्न से परिचित नहीं होते, जो रोज उनके जीवन में उनके साथ दौड़ रहे होते हैं। आपको अपने बीते कल वाले व्यक्ति से बेहतर बनने का प्रयास करना चाहिए और यह पुस्तक उसी के तरीके बताती है।
सीखें कैसे—
• एन.एल.पी. सेंसरी एक्युइटी एक्सरसाइज के जरिए अपने बारे में जागरूकता को नए आयाम पर कैसे ले जाएँ।
• दबी हुई भावनाओं और आत्मघाती सोच वाले पैटर्न को पहचानें तथा उनसे निपटें।
• सीखें कि कैसे अंदरूनी संघर्षों का समाधान करें और शांतिपूर्ण जीवन जिएँ।
• अपने जीवन की पटकथा को कैसे नए सिरे से लिखें और पुराने पैटर्न को कैसे त्यागें।
• एन.एल.पी. के धारणा बदलनेवाले अभ्यास से कैसे नई ऊँचाई हासिल करें।
• रोजाना के हालात से निपटने के लिए अपने दिमाग को प्रशिक्षित करें कि वह आपके लिए काम करे, न कि आपके खिलाफ।
• अपने अंदर मौजूद शक्ति को खोजें और दूसरों से अपनी तुलना करने का अंदाज हमेशा के लिए बदल डालें।
About the Author
मनोज केशव एन.एल.पी के अग्रणी अंतरराष्ट्रीय सिद्धहस्त प्रशिक्षक, मनोवैज्ञानिक और थेरैपिस्ट हैं, जिनके पास 20 वर्षों से भी अधिक का जीवन-परिवर्तन तथा प्रयोगात्मक कार्यशालाओं के प्रशिक्षण का अनुभव है।
उनके प्रशिक्षण का अंदाज इनसाइड-आउट वाला रहता है। उनका मानना है कि किसी के अंदर बदलाव लाने के लिए हमें उस व्यक्ति के अंदर जाना पड़ेगा, यानी उसके दिमाग की अनंत गहराइयों से गुजरना पड़ेगा। इसमें उस व्यक्ति की अंदरूनी ड्राइव्स, उदाहरण के तौर पर और काफी करीने से सँभालकर रखी गई धारणा प्रणाली को उभारना पड़ेगा।
पिसक्युरिश ने जैसा जिक्र किया
मनोज का यह दृढ़तापूर्वक मानना है कि प्रशिक्षण से परिवर्तन आ सकता है। सिलेबस को पूरा करना आसान है, लेकिन परिवर्तन आसान काम नहीं है। यह एक कला का रूप है। इसमें रचनाशीलता, कला-कौशल और विशेष गुणों पर मास्टरी की जरूरत होती है। उनकी बहुआयामी अध्यापन कला में प्रायोगिक अभ्यासों, सीखने की प्रक्रिया के दौरान खोज, अच्छी तरह से सोचकर भूमिकाओं को तैयार करना और सभी प्रक्रियाओं को आपस में जोड़ने की जो कला मौजूद है, वह जबरदस्त परिणामों को हासिल करने की उनकी क्षमता को दरशाती है।
उनके पास एक वैज्ञानिक मनःस्थिति है और आत्म-सुधार को वे एक निरंतर प्रक्रिया मानते हैं।