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Ve Pandrah Din

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  • ISBN13:9789353224301
  • ISBN10:9353224306
  • Publisher:Prabhat Prakashan
  • Language:Hindi
  • Author:Prashant Pole
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Highlights

  • ISBN13:9789353224301
  • ISBN10:9353224306
  • Publisher:Prabhat Prakashan
  • Language:Hindi
  • Author:Prashant Pole
  • Binding:Paperback
  • Pages:184
  • SUPC: SDL067837417

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Country of Origin or Manufacture or Assembly India
Common or Generic Name of the commodity History & Politics
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Description

उन पंद्रह दिनों के प्रत्येक चरित्र का, प्रत्येक पात्र का भविष्य भिन्न था! उन पंद्रह दिनों ने हमें बहुत कुछ सिखाया।

माउंटबेटन के कहने पर स्वतंत्र भारत में यूनियन जैक फहराने के लिए तैयार नेहरू हमने देखे। लाहौर अगर मर रहा है, तो आप भी उसके साथ मौत का सामना करो'' ऐसा जब गांधीजी लाहौर में कह रहे थे, तब राजा दाहिर की प्रेरणा जगाकर, हिम्मत के साथ, संगठित होकर जीने का सूत्र' उनसे मात्र 800 मील की दूरी पर, उसी दिन, उसी समय, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख श्रीगुरुजी' हैदराबाद (सिंध) में बता रहे थे।

कांग्रेस अध्यक्ष की पत्नी सुचेता कृपलानी कराची में सिंधी महिलाओं को बता रही थी कि ‘आपके मैकअप के कारण, लो कट ब्लाउज के कारण मुसलिम गुंडे आपको छेड़ते हैं। तब कराची में ही राष्ट्र सेविका समिति की मौसीजी हिंदू महिलाओं को संस्कारित रहकर बलशाली, सामर्थ्यशाली बनने का सूत्र बता रही थीं ! जहाँ कांग्रेस के हिंदू कार्यकर्ता, पंजाब, सिंध छोड़कर हिंदुस्थान भागने में लगे थे और मुसलिम कार्यकर्ता मुसलिम लीग के साथ मिल गए थे, वहीं संघ के स्वयंसेवक डटकर, जान की बाजी लगाकर, हिंदू सिखों की रक्षा कर रहे थे। उन्हें सुरक्षित हिंदुस्थान में पहुँचाने का प्रयास कर रहे थे।

फर्क था, बहुत फर्क था-कार्यशैली में, सोच में, विचारों में सभी में।

स्वतंत्रता प्राप्ति 15 अगस्त, 1947 से पहले के पंद्रह दिनों के घटनाक्रम और अनजाने तथ्यों से परिचित करानेवाली पठनीय पुस्तक।

About the Author

प्रशांत पोल

बी.ई. (इलेक्ट्रॉनिक ऐंड टेलीकॉम), | एम.ए. (मराठी)। ‘दिशा कंसल्टेंट्स' और वेब भारती, कंपनियों में डायरेक्टर। लगभग 32 वर्षों का व्यावसायिक कार्य का अनुभव। 35 से ज्यादा देशों का प्रवास।।

मेल्ट्रोन (महाराष्ट्र इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉरपोरेशन) में संशोधन विभाग के

प्रमुख रहे। अनेक नए उत्पाद विकसित किए। | बालासोर के मिसाइल्स फायरिंग इंटरिम टेस्ट रेंज | के लिए विशेष उपकरण विकसित किया। | 1998-99 में महाराष्ट्र के आई.टी. टास्क | फोर्स के सदस्य थे। 1999 में 'World's Who's Who' में चयन।

अनेक मल्टीनेशनल टेलिकॉम और | आई.टी. कंपनियों के सलाहकार। केंद्रीय सड़क

परिवहन और जहाजरानी मंत्रालय के आई.टी. | टास्क फोर्स के सदस्य। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय की महाविद्वत् परिषद् के सदस्य। आई.आई.आई. टी.डी.एम. में गवर्निग काउंसिल के सदस्य। 'महाकौशल विश्व संवाद केंद्र के कार्याध्यक्ष । लोकमत, तरुण भारत, विवेक, एकता, पाञ्चजन्य, ऑर्गेनाइजर

आदि पत्रिकाओं में स्तंभ-लेखन। 'भारतीय | ज्ञानाचा खजिना' पुस्तक प्रकाशित, जिसका

तीसरा संस्करण हाल ही में प्रकाशित हुआ है।

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