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Vishwavijeta || विश्वविजेता

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  • ISBN13:978819417017
  • ISBN10:978819417016
  • Publisher:Neolit Publication
  • Language:Hindi
  • Author:Mrigank Tripathi ||मृगांक त्रिपाठी
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Highlights

  • ISBN13:978819417017
  • ISBN10:978819417016
  • Publisher:Neolit Publication
  • Language:Hindi
  • Author:Mrigank Tripathi ||मृगांक त्रिपाठी
  • Binding:Paperback
  • SUPC: SDL746774313

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Other Details
Country of Origin or Manufacture or Assembly India
Common or Generic Name of the commodity Poetry
Manufacturer's Name & Address
Packer's Name & Address
Marketer's Name & Address
Importer's Name & Address

Description

Hindi Description:

यह किताब दर्जनों कविताओं को मिलाकर रची गयी है। मृगांक त्रिपाठी जी की कविताएँ युवा मन की बेचैनी और दुनिया के उलझाव से उपजी रचनाएँ हैं। उनमें एक सरलता है जो ईमानदारी का आश्वासन देती है। ये वे कविताएँ है जो अपनी बात कहते हुए कविता से कई अधिक कुछ होने का खतरा भी उठाती है। जिंदगी के विभिन्न अनुभवों और परिस्थितियों पर गौर कर कवि ने उन्हें शब्दों में पिरोया है। यह कविताएँ कवि का दर्शन मात्र नहीं है, बल्कि उनकी ज़िन्दगी का एक सफरनामा है। किताब की पहली कविता विश्वविजेता की कुछ पंक्तियाँ - यदि है जगत भयभीत तुमसे, तुम ना समझो विश्वविजेता। प्रेम से पूजें तुम्हें सब, समझो तुम हो सबके जेता। यह किताब हिंदी कविता प्रेमियों और हिंदी पाठकों के लिए एक आदर्श उपहार है।

लेखक का परिचय

मृगांक त्रिपाठी का जन्म उत्तर प्रदेश के जनपद कानपुर देहात में हुआ। दूर-दूर जाकर भ्रमण करना, साहित्यिक कार्यक्रमों में सम्मिलित होना और लेखकों, कवियों व विद्वानों से मिलने में इनकी विशेष रुचि रहती है। साहित्यिक रुचि होने के कारण प्रारम्भ से ही ये विभिन्न ग्रंथो का अध्ययन करते थे फिर स्वयं भी कविता और कहानियों की रचना करने लगे। समय समय पर इनके लेख पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते हैं। मृगांक त्रिपाठी ने कम उम्र में ही विश्वविजेता नामक अपने प्रथम कविता संग्रह की रचना करके साहित्य जगत में अपनी उपस्थिति दर्ज की है।

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